meriabhivyaktiya
- 125 Posts
- 73 Comments
एक अनुरोध मेरी तरफ से भी अंधेरे को मिटाने वाले इस दीपों के त्योहार को वापस
प्रदूषण के घातक अंधेरे में मत ढकेलिए,,,,
करते है घरों से दूषण की सफाई,
पर्यावरण मे प्रदूषण की भरपाई।
की जाए जो रूकावट की कार्यवाही,,
मिलने लगे संस्कृति खतरे की दुहाई।
हवा में घुलते ज़हर से नही
जनमानस अन्जान ,
क्यों नही समझते हैं लोग कि
इसी में है हमसब की भलाई।
लक्ष्मी का पूजन लक्ष्मी को जलाकर
यह कैसा चलन मेरे भाई,????
पटाखों को रिवाज बना पूर्वजों ने,
आज पर्यावरण की यह दशा बनाई।
जागरूक बच्चे हैं हमसे अधिक
जो करते हैं पटाखों की मनाही।
जब जागिए सवेरा तभी है,
इसमे नही कोई शाजिश समाई,,,।
Read Comments