meriabhivyaktiya
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तुममे खोकर
तुमको पाने की चाहत
तुमको पाकर
तुममे खोने की चाहत
चाहतों का हेर फेर
अब समझ नही आता,,
तुमसे मिलकर
बिखरने का अरमान
बाहों मे तेरी
सिमटने का अरमान
अरमानों का पैंतरा
अब समझ नही आता,,,,
तुममे समाकर
बहकने की आदत
यादों मे खोकर
महकने की आदत
आदतों का मज़मा
अब समझ नही आता,,,,,
तुम्हारे एहसासों
की मद्धम् सी रूनझुन
खनकती सी सांसें
प्यारी सी झुनमुन
रुनझुन की झुनमुन
अब समझ नही आता,,
तुम्ही मेरी हसरत
ख़्याबों मे तुम
जागने मे तुम
मेरे सोने मे तुम
मै हूँ या तुम
अब समझ नही आता,,,
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