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होरी आवन वारी है ……..

meriabhivyaktiya
meriabhivyaktiya
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गोपियों को छेंक रंगने की तैयारी है
टोली बन रही नेता कृष्ण मुरारी हैं
भावों के रंग बनने लगे हृदयों मे
जांच रहे चल रही ठीक पिचकारी हैं

फाग संग ढोल बजे गूँजे धुन मतवारी है
मटक रही लचक रही प्रीत मनोहारी है
श्याम संग गुलाल रंग गोपियां बलिहारी हैं
खीझ रहीं रीझ रहीं उमंग सुखकारी है।

चाल रचें रहे सखा सखियां कान पसारी हैं
रंग संग अंग लगाकर छेड़न की तैयारी है
प्रेम राग रचें कान्हा ,बांसुरी रियास जारी है
अर रररर सरर रररर होरी आवन वारी है।

मन भय रहे नटखट होरी की खुमारी है
रंग रंग मोहे रंग प्रीत-रंग राधा मनहारी हैं
नयन रहे सकुचा अंग खिले फुलवारी है
कहे अबके ना भागूँ प्रेम तोहसे नटवारी है।

होरी की तैयारी है ,,,फाग धुन प्यारी है
रंग संग प्रेम उड़े राधासंग कृष्ण मुरारी हैं
उड़े चुनर हिले अधर मिलन को पुकारी हैं
होरी आवन वारी है,जी होरी की तैयारी है।

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