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धुंध,,,,,,,,,,, कल्पनाओं की धुंध वास्तविकता को झुठला नही सकती

meriabhivyaktiya
meriabhivyaktiya
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कुछ रिश्तों के कोई नाम नही होते
गुमनाम भटकते, अंजाम नही होते।
खुले आसमान मे उड़ते रहने की सोच
कोई इनके,आसमानी दायरे नही होते।

ख्यालों की धुंध मे जीने की हो चाहत
पलभर की खुशियाँ, हल्की सी राहत।
हवाओं मे तराशे भावनाओं के बादल,
यर्थाथ के झोंके, बिखरता आत्मबल।

जिन्दगी से जो ना मिला,चुराने की हसरत
सभी पहलुओं को खुश रखने की कसरत
दो कश्तियों पर फंसा जीवन पतवार
नियति की नदिया तो बहे विपरीत धार।

सूरज से होते हैं ये ख्याली से रिश्ते,
सिकुड़ते से जीवन मे गरमी की किश्तें।
आगोश मे भरने की कोशिश बचकाना,
भस्माए हस्ती ख़ाक का भी न ठिकाना।

कुछ रिश्तों के कोई नाम नही होते
गुमनाम से भटकते कोई अंजाम नही होते।

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