Menu
blogid : 24183 postid : 1234487

बोल सखी क्या बात करूँ,,,

meriabhivyaktiya
meriabhivyaktiya
  • 125 Posts
  • 73 Comments

बोल सखी क्या बात करूँ,
मनु ह्दय का हार बनूँ?
बाहुपाश मे उनके कसकर,
उच्छावासों से मौन संवाद करूँ।

बोल सखी क्या श्रृंगार करूँ,
पिय नयनन् की ठाह बनूँ
या तज सारे सौन्दर्य प्रसाधन
सहज रूप मे आन मिलूँ ?

लाज शरम से नयन झुकाकर
प्रेमपाश का वरण करूँ,
या शब्दों मे उनको भरकर
प्रीत गीत का पाठ करूँ ?

नृत्यमयी हो धरा गगन सब
प्रिय संग ऐसा रास रचूँ,
अंग अंग हो प्रीत की थिरकन
कौन सा ऐसा ताल गढूँ ?

बोल सखी क्या बात करूँ?
मनु ह्दय का हार बनूँ…….

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh